पुलिस हिरासत में मौत पर विधानसभा में 'संग्राम', स्पीकर का मंत्री से सवाल- क्या पुलिस इतनी 'सज्जन' है

बाड़मेर पुलिस की कस्टडी में हुई युवक की मौत (Death in custody) पर बाड़मेर से लेकर विधानसभा (Assembly) तक में संग्राम मचा हुआ है. एक तरफ जहां घटना के 45 घंटे बाद भी अभी तक मृतक के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है. वहीं दूसरी तरफ इस मामले में शुक्रवार को सदन (House) में जमकर हंगामा हुआ. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) के बीच जबर्दस्त तीखी नोकझोंक हुई. वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी (Dr. CP Joshi) और धारीवाल के बीच भी अच्छी खासी बहस हुई. मामला बढ़ता देख विधानसभाध्यक्ष जोशी ने अगले हफ्ते इस मुद्दे पर चर्चा कराने की बात कहकर मामले को समाप्त किया.


संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने दिया वक्तव्य


शुक्रवार को शून्यकाल की कार्यवाही के बाद संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने बाड़मेर की घटना पर वक्तव्य दिया. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक जोगेश्वर गर्ग ने मंत्री के जवाब पर सवाल उठाए. बीजेपी विधायकों ने घटना की सीबीआई जांच और गुलाबचंद कटारिया ने दोषी पुलिसकर्मियों को नौकरी से हटाने की मांग की. कुछ बीजेपी विधायक बोलना चाह रहे थे, लेकिन स्पीकर सीपी जोशी ने मना कर दिया. इस बीच बीजेपी विधायक मदन दिलावर उठकर वेल में आने लगे तो नाराज स्पीकर ने विधायकों को कड़ी फटकार लगाई और चर्चा समाप्त करने की घोषणा कर दी. इससे नाराज बीजेपी विधायक वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे. हंगामे के बीच ही दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखे गए और उन पर मंत्रियों ने जवाब भी दिया.





स्पीकर सीपी जोशी ने संभाला मोर्चा


 

हंगामे के बाद स्पीकर सीपी जोशी ने मोर्चा संभाला और बाड़मेर में पुलिस कस्टडी में मौत मामले में मंत्री शांति धारीवाल से सवाल-जवाब शुरू कर दिए. जोशी ने पूछा बाड़मेर में पुलिस हिरासत में हुई मौत मामले में अब आगे क्या कार्रवाई की जाएगी. बिना एफआईआर दर्ज किए किसी को प्रताड़ित नहीं करने को लेकर सरकार कुछ कानून लाएगी. जिस व्यक्ति की मौत हुई है उसके परिवार के भरण-पोषण के मानवीय पहलू पर विचार होना चाहिए. इन दो बिंदुओं पर ही चर्चा का मतलब होगा.


मंत्री के जवाब पर स्पीकर ने जताई नाराजगीइस पर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि युवक पर कोई एफआईआर नहीं थी. केवल शक के आधा पर उसे बुलाया गया था. मौत कैसे हुई यह पोस्टमार्टम में स्पष्ट हो जाएगा. धारीवाल के इस जवाब पर जोशी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा क्या पुलिस इतनी सज्जन है कि किसी को थाने में रातभर बैठाए और उसकी पिटाई नहीं करे. इसे लेकर जोशी की धारीवाल से जमकर बहस हुई. जोशी ने कहा कि आजादी के बाद से यह प्रक्रिया चल रही है. मैं इस पर चर्चा नहीं करना चाहता.


धारीवाल ने कहा कि मैं भी दम रखता हूं


उसके बाद शांति धारीवाल की नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया में भी जमकर बहस हुई. धारीवाल के जवाब से नाराज कटारिया ने कहा धमकाने वाली आवाज में बात मत कीजिए. धमकाने वाली आवाज ना मैंने आज तक सुनी है और ना ही आगे सुनूंगा. इस पर धारीवाल ने कहा मैं नहीं आप धमकाने वाली आवाज में बात कर रहे हैं. उसके बाद दोनों पक्ष आपस में उलझ गए और दोनों तरफ से हंगामा शुरू हो गया. कटारिया ने कहा यह याद रख लेना मेरी जिंदगी की कमाई यही है इसलिए मैं जोर से बोल सकता हूं. इस पर धारीवाल ने कहा कि मैं भी दम रखता हूं


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